लोग भारत को इसकी विविध संस्कृति और धार्मिक महत्व के लिए जानते हैं। भारत में कई अद्भुत या अनोखे मंदिर भी हैं जिससे कोई खास रहस्य या कहानियां जुड़ी हुई होती है। हिंदू कथाओं के अनुसार, भारत में कुल 33 करोड़ देवी-देवता की पूजा की जाती है। और हरेक देवी-देवताओं से जुड़ी अपनी-अपनी खास कहानी है।
देश विदेश से लोग भारत की प्राचीन मंदिरों की विशेषता और खास इतिहास को समझने के लिए भारत की मंदिरों के भ्रमण करतें हैं। भारत में कुछ मंदिर तो कई हजारों साल पुराने भी हैं। हमारे देश के मंदिरों और इससे जुड़ी सभ्यता पर्यटकों के मन में कौतुहल उत्पन्न कर देता है।
अब आइए हम आपको आज इस लेख के माध्यम से भारत के 8 ऐसे ही अनोखे मंदिर के दर्शन करवाते हैं।
1. Kal Bhairav Mandir | काल भैरव मंदिर, उज्जैन
क्या आपको मालुम है कि हमारे देश में कुछ मंदिरों में भगवान को भी शराब चढ़ाई जाती है। आज हम भारत के ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां खुद पंडित ही भगवान को शराब पिलाते हैं।
यह सुनकर आप हैरान हो गए होंगे कि मंदिर जैसी जगह मे ऐसा कैसे हो सकता है। मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन के काल भैरव मंदिर (kal bhairav mandir ujjain) इसी परंपरा के लिए जाना जाता है। आप विश्वास नही कर पाएंगे कि उज्जैन की इस अनोखे मंदिर में ना सिर्फ शराब चढ़ाई जाती है, पर प्रसाद के रूप में भी सबको बांटी जाती है।
हजारों भक्त इस मंदिर में आकर देवता को शराब चढ़ाते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। काफी दूर से भी लोग यहां अपनी मन की इच्छा पूरी करने के लिए आते हैं और पूजा करते हैं। जो भी पर्यटण मध्य प्रदेश जाते हैं उनके लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है भैरव मंदिर। और मजे की बात तो यह है की इस मंदिर के बाहर दूसरे मंदिरों की भांती फूल और मिठाइयाँ नही बिक्री होती बल्कि प्रसाद के लिए केवल शराब की स्टाल देखने को मिलता है। ये भी बताया जाता है की मंदिर में भगवान को दी गई सारी शराब को भगवान का प्रतिमा खिंच लेती है।
2. Mehandipur Balaji Mandir | मेहंदीपुर बाला जी मंदिर, राजस्थान
आज के युग में भी भारत में कई ऐसे मंदिर पाए जातें हैं, जो रहस्यों से भरे हैं। हरेक मंदिर से जुड़ी उनकी अपनी ही खास चमत्कार और विशेषता रहता है। इन में से एक अनोखा मंदिर है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (mehndipur bala ji mandir) जो राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित है। मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर दो पहाडियों के बीच बसा हुआ है। इस मंदिर में कई विचित्र बातें देखी जा सकती है, जिन्हें देखकर आप हैरान में पड़ सकते हैं। बजरंगबली हनुमान जी के प्रमुख सिद्धपीठों में से एक है मेहंदीपुर बालाजी धाम। बताया जाता है कि इस मंदिर पर बजरंगबली हनुमान जागृत अवस्था में विराजमान रहते हैं।
भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से सताए जाने पर लोग देशभर से भूत-प्रेत की समस्या से मुक्ति पाने के लिए मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में आते हैं। यहां प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान के मंदिर में आने के बाद भक्तों के शरीर से बुरी आत्माएं निकल भागता है। जिन लोगों के ऊपर बुरी साया है उसे भगाने के लिए रोज दरवार लगता है।
इस अनोखे मंदिर में लोगों को रात मे रुकने की इजाजत नहीं है। मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी प्रसाद को खाने से मना किया गया है। साथ ही साथ, प्रसाद को घर लाने से भी मना किया गया है। इसके पीछे ऐसा विश्वास है कि यहां से किसी भी चीज को घर ले जाने पर आपके ऊपर बुरी आत्मा का प्रभाव पड़ सकता है।
3. Bullet Baba Temple | बुलेट बाबा मंदिर, जोधपुर
राजस्थान राज्य के जोधपुर शहर में स्थित इस मंदिर का नाम सुनकर ही आप चौंक सकते हैं। लेकिन सत्य कुछ ऐसा ही है। यह मंदिर जोधपुर से करीब 45 किलोमीटर दूर बनाया गया है। इस अनोखे मंदिर पर, लोग एक बुलेट बाइक की पूजा करने के लिए आते हैं।
इस बुलेट बाइक को एक कांच से बना हुआ बक्स के अंदर रखा हुआ है। दरअसल, इस बुलेट बाइक को चलाने वाले व्यक्ति की याद में यह बुलेट बाबा मंदिर (Bullet Baba Temple) अर्थात बाइक का मंदिर बनाया गया है। यहां भक्त सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना करने के लिए आते हैं। लोग बाइक में अलौकिक शक्तियां होने की दावा करते हैं।
इस अनोखा मंदिर की निर्माण करने की कहानी भी अजीब है। इस मंदिर में पूजा करने के लिए रखा हुआ बाइक ओम सिंह राठौर (लोग ओम बन्ना की नाम से भी जानते हैं) नामक व्यक्ति की थी। ये कहा जाता है की करीबन 35 साल पूर्व इसी बाइक रोयल एनफील्ड को चलाते वक्त ओम सिंह राठौर उर्फ ओम बन्ना का दुर्घटना हुआ था और घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी।
उसके बाद पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त बाइक को सड़क से उठाकर पुलिस स्टेशन लाकर रख दिया। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि वो बाइक पुलिस स्टेशन से अपने आप गायब हो गई। जब कुछ लोगों ने उसे इधर उधर ढूंढा तो बाइक उसी जगह में मिला जहां इसका दुर्घटना हुआ था। वो बाइक दुर्घटना वाली जगह पर ही आ पहुंची थी। पुलिस ने फिर से बाइक को वहां से उठाया, पर ये बाइक फिर से उसी जगह पर पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने कई बार बाइक को लक करके रखा, और पेट्रोल टैंक भी खाली कर दिया। लेकिन बाइक फिर भी गायब हो गई और फिर उसी जगह में मिली।
बाइक के साथ ऐसी अजीब घटना होने के बाद लोगों ने मन में ऐसा विश्वास बनाया कि इस बाइक से ओम बन्ना की आत्मा जुड़ी है। और इसलिए ही उसी ओम सिंह राठौर के स्मरण में यह बुलेट बाबा मंदिर अर्थात बाइक का मंदिर निर्माण किया गया। यहां, भक्त उसी एनफील्ड बुलेट मोटरबाइक की पूजा करने के लिए इस अनोखे मंदिर में आते हैं और इस बाइकको पूजा करके खुद भी बाइक चलाते वक्त अपनी सुरक्षा और सलामती की दुआ मांगते हैं।
4. Aeroplane Gurudwara | एरो प्लेन गुरुद्वारा, जालंधर
क्या आप को मालुम है कि पञ्जाब राज्य के जालंधर में पड़ने वाले तल्हन गांव में एक ऐसा गुरुद्वारा है जहां पर भक्त प्रसाद के रूप में खिलौना प्लेन अर्थात हवाई जहाज को चढ़ाते हैं। इस गुरुद्वारा का वास्तविक नाम है शहीद बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा। लोगों का यह धारणा है की इस गुरुद्वारा में खिलौना प्लेन को प्रसाद के रूप में चढ़ाने से विदेश जाने के लिए उनका वीजा लग जाएगा। यहां बड़ी संख्या में ऐसे भक्त आते हैं जो विदेश जाना चाहते हैं।
आज यह विश्वास इतना बढ़ चुकी है कि गुरुदारे के ऊपर ही एक एयरप्लेन का नमुना बना दिया गया है। ऐसे में यही आस्था के कारण इसे लोग हवाई जहाज गुरुद्वारा (Aeroplane Gurudwara) कहने लगें हैं। विदेश जाने की कामना लेकर पहुंचने वाले भक्त यहां खिलौना प्लेन को गुरुद्वारा में अर्पण करते हैं। लोगों की विश्वास इतना ज्यादा हो चुका है कि यहां हरेक सप्ताह सैकड़ों खिलौना प्लेन गुरु के चरणों में चढ़ाए जाते हैं।
इसिके चलते खिलौना हवाई जहाज की मांग बढ़ने के कारण गुरुद्वारा के आसपास के दुकानों पर कई प्रकारके छोटे या बडे सैकड़ों हवाई जहाज मिलने लगे हैं। लोग अपनी क्षमता अनुसार इन्हें खरीदकर उन्हें गुरुद्वारा में चढ़ा देते हैं। गुरुद्वारा में अर्पित किया गया ये सारे खिलौना प्लेन ज्यादा इकठ्ठा होने पर बच्चों को बांट दिए जाते हैं।
5. Chinese Kali Mandir | चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता स्थित चाइनीज काली मंदिर (Chinese Kali Mandir) तमाम लोगों के लिए कोई आश्चर्य से कम नहीं है। यह मंदिर लगभग 60 साल पुराना बताया जाता है। सम्पूर्ण रूप में ये मंदिर के सञ्चालक चीनी पुजारी है और चाइनीज पुजारी ही इस मंदिर में मां काली की पूजा अर्चना करते हैं। इस काली मंदिर में पूजा भी चाइनीज तरीकों से सम्पन्न की जाती है। यहां काली मां को प्रसाद के रूप में नूडल्स आदि चढ़ाया जाता है और यहां भक्तों को भी नूडल्स, मंचूरियन आदि प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
बहुत सारे चीनी लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। ज्यादातर संख्या में बौद्ध या फिर ईसाई धर्म वाले लोग यहां आते हैं। यदि आप भी कभी कोलकाता जा रहें हैं तो एक अनोखा अनुभव के लिए इस अनोखा मंदिर के दर्शन एक बार जरूर कर सकते हैं।
6. Bharat Mata Mandir | भारत माता मंदिर, वाराणसी
मंदिरों के शहर काशी में एक बेहद खास और अनोखा मंदिर है जो भारत माता को समर्पित है और नाम है भारत माता मंदिर (Bharat Mata Mandir)। मंदिरों में पूजा करने के लिए मूर्ती रखी होती है पर यहां कोई मूर्ती नहीं है। इस मंदिर के भितर संगमरमर से निर्मित भारत का नक्शा है।
इस मंदिर के गर्भगृह में संगमरमर से बना भारत का वृहत भू-नक्शा है। अंग्रेजों की अधीन रहते हुए भी उस वक्त कुछ सच्चे भारतीयों ने इस अनोखे मंदिर की परिकल्पना करके उस समय की करीब 10 लाख लागत में इसे बनवाया था। बताया जाता है की खूद महात्मा गांधी द्वारा 1936 में इसका उद्घाटन किया गया था।
भारत माता की इस मानचित्र में भारत भूमि की भौगोलिक संरचना पर ध्यान रखकर संगमरमर में नक्शा उतारा गया है। इस में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक का सारा भूभाग दर्शाया गया है। इस मंदिर को भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पण की गई है। अगर आप कभी वाराणसी जाने की सोचें, तो जरूर एक बार इस मंदिर के भ्रमण करें।
7. Monkey Temple | बंदरों का मंदिर, जयपुर
भारत के राजस्थान राज्य मे आपको कई मंदिर दिखेंगे, जो भारत की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। पर जयपुर में एक ऐसी अनोखा मंदिर है जिसे लोग मंकी टेंपल या बंदर वाला मंदिर (Monkey temple) बोलते हैं। ये है गलताजी मंदिर जो मंकी टेंपल या बंदरों का मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
अरावली पहाड़ के ऊंचाई पर स्थित ये मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। इस अनोखे मंदिर पर आप हजारों के संख्या में बंदर देख सकते हैं। बंदरों को बजरंगबली हनुमान से जोड़ा जाता है। ये भी आश्चर्य की बात है कि यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को ये बंदर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। इस मंदिर परिसर में और उसके आसपास सुबह शाम आप बहुत सारे बंदर को खेलते हुए, प्रसाद खाते हुए देख सकते हैं।
8. Karni Mata Mandir | करणी माता मंदिर, बीकानेर
राजस्थान के बीकानेर नजदीक स्थित करणी माता मंदिर (Karni mata mandir) भी एक बहुत ही अनोखा और बेहद प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बिकानेर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देशनोक शहर में है। लोग इसे चूहों वाला मंदिर या चुहिया देवी का मंदिर के रूप में जानते हैं।
यहां लगभग पचीस हजार से भी ज्यादा चूहे मौजूद हैं और यहां आने वाले भक्त रोजाना इनको प्रसाद देते हैं। हर साल इस मंदिर में कई सारे पर्यटक पहुंचते हैं। लोगों का यह विश्वास है कि यहां अगर किसी को सफेद चूहे दिख जाएं तो उसे भाग्यशाली माना जाएगा। यहां पर आपको इंसानों से ज्यादा चूहे नजर आ सकता है।
कथाओं के अनुसार करणी देवी को दुर्गा का अवतार माना जाता है। ये भी कहा जाता है कि ये चूहे मंदिर में स्थित करनी माता की संतानें हैं। लोग ऐसा भी मानते हैं कि करनी माता के बेटे की मृत्यु होने पर माता ने यमराज से अपने बेटे को जीवित करने का आग्रह किया। इसके बाद यमराज ने उनका बेटा को जीवित तो कर दिया लेकिन चूहा के रूप में। मंदिर में इसलिए आज भी हजारों के संख्या में चूहे इधर उधर घूमते रहते हैं।
अगर आप कभी यहां दर्शन करने जाएं तो आपको अपना पांव घसीटकर चलना होगा। क्यौं की अगर एक भी चूहा पैरों के नीचे आ जाए तो उसे अनहोनी माना जाता है। पर अगर किसी भी व्यक्ति के पैर के ऊपर से होकर कोई चूहा गुजर जाए तो उसको देवी की कृपा माना जाता है।
भारत के अनोखे मंदिर के विषय में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
मेहंदीपुर बाला जी मंदिर कैसे पहुंचे?
फ्लाइट से जाने के लिए नजदीक में जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहाँ से मेहंदीपुर बाला जी मंदिर लगभग 110 किमी दूर है। रेल से जाने के लिए नजदीक में बांदीकुई रेलवे स्टेशन है जहां से मेहंदीपुर बाला जी मंदिर करीब 36 किमी दूर है।
करणी माता मंदिर कैसे पहुंचे?
प्लेन से जाने वालों के लिए नजदीक में बिकानेर एयरपोर्ट है। यहाँ से करणी देवी की मंदिर लगभग 42 किमी दूर है। रेल यात्रु के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन देशनोक में है। यहां से करणी देवी मंदिर पैदल ही पहुँचा जा सकता है।
उज्जैन की काल भैरव मंदिर कैसे पहुंचे?
अगर फ्लाइट से जाना है तो निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डा है जहाँ से काल भैरव मंदिर लगभग 53 किमी दूर है। ट्रेन से जाने के लिए नजदीक में उज्जैन रेलवे स्टेशन है। यहां से काल भैरव मंदिर करीब 7 किमी दूर है।
बुलेट बाबा मंदिर कैसे पहुंचे
वायु मार्ग से जाने के लिए नजदीक में जोधपुर एयरपोर्ट है और ट्रेन सा जाने वालों के लिए नजदीक में पाली मारवाड़ रेलवे स्टेशन पड़ता है। जोधपुर से बुलेट बाबा मंदिर करीब 45 किमी दूर है। यहां बस से भी जाया जा सकता है।